प्राथमिक स्तर पर अध्ययनरत् विद्यार्थियों में कार्टून चरित्रों के प्रति रूचि के सन्दर्भ में अभिभावकों एवं शिक्षकों की अभिवृत्ति का अध्ययन
Asmita Koli, Bhanu Prakash
प्राचीन काल से ही हमारे देश में शिक्षा को बहुत महत्व दिया गया है। शिक्षा मानव जीवन की आधारशिला है। शिक्षा के बिना मनुष्य को पशु के समान समझा जाता है। शिक्षा के द्वारा ही मनुष्य की आन्तरिक शक्तियों का विकास होता है। शिक्षा वह प्रक्रिया है जो मनुष्य की जन्मजात शक्तियों का विकास करती है, उसको सामाजिक स्वरूप प्रदान करती है। शिक्षा मानव योग्यता एवं व्यवहार को विकसित करती है। प्राथमिक शिक्षा सम्पूर्ण शिक्षा की धुरी है। प्राथमिक शिक्षा को सर्व सुलभ बनाये बिना सर्वे शिक्षा अभियान जैसे कार्यक्रमों की सफलता पर संदेह किया जा सकता है। प्राथमिक स्तर की शिक्षा सामान्यतः कक्षा 1-5 तक की शिक्षा को कहा जाता है। कार्टून मुख्य रूप से बच्चों के लिए है। वह आमतौर पर समाचार पत्रों, हास्य पुस्तकों और पत्रिकाओं में मुद्रित होते है या उन्हें टेलीविजन पर प्रसारित किया जाता है। कार्टून पहले केवल मनोरंजन के उद्देश्य से थे लेकिन इन दिनों के कार्टून बड़े पैमाने पर अन्य उद्देश्यों के लिए भी उपयोग किये जा रहे है। अभिवृत्तियाँ बहुत कुछ सीमा तक किये जाने वाले व्यवहार के लिए उत्तरदायी ठहराई जा सकती है। परन्तु इससे यह नहीं समझा जाना चाहिए कि व्यक्ति का व्यवहार सम्पूर्ण रूप में उसकी अभिवृत्तियों पर ही निर्भर करता है।
Asmita Koli, Bhanu Prakash. प्राथमिक स्तर पर अध्ययनरत् विद्यार्थियों में कार्टून चरित्रों के प्रति रूचि के सन्दर्भ में अभिभावकों एवं शिक्षकों की अभिवृत्ति का अध्ययन. International Journal of Multidisciplinary Education and Research, Volume 7, Issue 3, 2022, Pages 131-134